धार्मिक उत्साह के साथ विशाल जनसमूह की उपस्थिति में हुआ गंगा आरती का आयोजन

सागर

सागर स्मार्ट सिटी समृद्ध ऐतिहासिक विरासतों वाला शहर है। यहाँ की लाखा बंजारा झील और इसके किनारे स्थित ऐतिहासिक किले का विशाल आकार, अपने आप में दिव्यता को समाएं हुये बड़े-छोटे मंदिरों की श्रंखला सहित अन्य विरासत स्थलों को संरक्षित कर भविष्य के लिए सुरक्षित बनाये रख़ना नागरिकों के सक्रिय सहयोग और सहभागिता के बिना एक बड़ी चुनौती थी। इसे ध्यान में रखते हुये नगर निगम आयुक्त सह कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड  राजकुमार खत्री ने जल गंगा आरती के रूप में सांस्कृतिक आयोजन की शुरुआत पिछले सोमवार से की थी। नागरिकों को ऐतिहासिक विरासत और परम्पराओं से जोड़कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक बनाने हेतु प्रति सप्ताह सोमवार को आयोजित होने वाले इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में सावन माह के अंतिम सोमवार को महापर्व रक्षाबंधन होने के बाबजूद बड़ी संख्या में नागरिक अपने परिवार जन एवं इष्ट मित्रों सहित शामिल हुये। नागरिक पूरे उत्साह के साथ इस जल गंगा आरती में जयकारे लगाते हुये नजर आये। भाई-बहिन के महापर्व रक्षाबंधन मनाने दूर-दूर से सागर बापस आयी बहिने भी परिवारजनों के साथ चकराघाट के पास पहुंचकर विठ्ठल नारायण मंदिर घाट पर नवग्रह छतरियों के पास हो रही जल गंगा आरती का मनमोहक नजारा देखकर आश्चर्यचकित और रोमांचित थी। महिलाएं हों या पुरुष, बच्चे हों या बुजुर्ग सभी आरती के दौरान आस्था और भक्ति भाव से माँ गंगा की आरती में तालियां बजाते हुये लीन दिख थे। जनप्रतिनिधियों द्वारा सभी उपस्थित जनसमूह को पर्यावरण संरक्षण, वायु प्रदूषण न फैलाने, जल को प्रदूषित होने से बचाने सहित पर्यावरण के संरक्षण हेतु आवश्यक हर संभव प्रयास करने का संकल्प दिलाया।

इस अवसर पर विधायक श्री शैलेन्द्र जैन ने कहा कि गंगा आरती का शुभारंभ पिछले सोमवार से किया गया था इस आयोजन में विशाल जनसमूह की उपस्थिति से इस आयोजन का महत्व और बढ़ गया है इससे नगर वासियों में धार्मिक एवं सांस्कृतिक चेतना का संचार होगा और चकराघाट जैसे धार्मिक महत्व के ऐतिहासिक और प्राचीन धार्मिक आस्था के केंद्र चकरा घाट और सागर लाखा बंजारा झील को स्वच्छ एवं सुंदर बनाए रखने के लिए लोगों में नई ऊर्जा का संचार होगा।
निगमायुक्त श्री राजकुमार खत्री ने कहा कि गंगा आरती के प्रारंभ होने से सागर झील का वैभव बढ़ रहा है तथा सागर झील को स्वच्छ बनाए रखने के लिए लोग संकल्पित हो रहे हैं सागर के प्राचीन एवं धार्मिक आस्था के केंद्र चकराघाट पर प्रतिदिन हजारों लोगों का आना-जाना रहता है इसलिए इस स्थल पर गंगा आरती प्रारंभ होने से इसका महत्व और बढ़ गया है, कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के उत्साह को देखकर लगता है कि सभी लोग अपनी ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने के लिए आगे आ रहे हैं।

*आयोजन को विशेष आकर्षित और भव्य बनाने के लिये किये गये प्रबंध*
जल गंगा आरती के लिए सारे घाट और छतरियों को आकर्षक लाइटिंग और साजसज्जा से मनमोहक बनाया गया। गंगा और नर्मदा आरती की तर्ज पर 11 बड़ी आरतियों की श्रंखला व्यवस्था बनाई गई। छतरियों पर रंगबिरंगी रोशनी जगमगा रही थी। झील में तैरती हुई विभिन्न नाव में से एक पर माँ गंगा की सुंदर मूर्ति विराजमान थी तो अन्य नावों में डमरूदल कलाकार और श्रद्धालुगण बैठे थे। झील में चलने वाले विशाल क्रूज पर भी बैठ कर नागरिक गंगा आरती के रमणीक आयोजन में शामिल हुये। रमतूला ढपली दल और दुलदुल घोड़ी दल ने अपनी लोककला का बेहतर प्रदर्शन करते हुये नागरिकों को अपनी ओर आकर्षित किया। पहली छतरी पर रमतूला एवं ढपला के कलाकारों , दूसरी छतरी पर तबला वादन के कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी गई तथा इस्कॉन के भक्तों द्वारा भजन की प्रस्तुतियां दी गई। सुरक्षा की दृष्टि से मोटर बोट और पेडल बोट पर लाईव जैकेट सहित तैराक तैनात थे इसके साथ ही पुलिस बल को भी तैनात किया गया। इस अवसर पर नगर निगम अध्यक्ष श्री वृंदावन अहिरवार, पार्षद एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

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