



सागर
करोड़ों की ऐसी बिल्डिंग में बैठकर अफसर और इंजीनियरों ने आपके सागर को स्मार्ट बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सोच लीजिए अपने एक ख्वाब देखा था वह पूरा होने जा रहा है। सपनों की दुनिया के प्रोजेक्ट लगभग समाप्ति की ओर हैं। स्मार्ट सिटी मिशन समाप्त हुआ तो वर्तमान सेटअप का क्या होगा, इस पर मंथन होने जा रहा है। अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 3 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्मार्ट सिटी के भविष्य की कार्य योजना पर चर्चा की जाएगी और निर्णय लिए जाएंगे। ऐसा कहना तो नहीं चाहिए लेकिन सवाल लोगों के जहन में उठ रहे हैं। क्या तमाम इंजीनियर और स्टाफ को कहीं और सेट कर दिया जाएगा। बिल्डिंग में लगे एसी के भारी भरकम बिल आगे भी भरे जाते रहेंगे। बिल्डिंग को किसी और काम में उपयोग में लाया जा सकेगा। स्मार्ट सिटी का कंट्रोल कमांड सेंटर जो काम कर रहा है वह पुलिस के कंट्रोल रूम से भी हो सकता है। ई-चालान वैसे भी ट्रैफिक पुलिस का अमला ही जमा कर रहा है। जो भी हो इतना तो तय है कि स्मार्ट सिटी से सागर में पहले से काफी बदलाव आया है। हां, गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं और आगे भी उठते रहेंगे?
हिस्टोरिकल बिल्डिंग से कम नहीं होगी
स्मार्ट सिटी की बिल्डिंग हिस्टोरिकल मानी जा सकती है, क्योंकि इतिहास रचा गया सागर में। जिसे आप सभी ने देखा और महसूस किया है।