



सागर
सुबह का समय ,चलती ठंडी हवाएं और लाखा बंजारा झील में अठखेलिया करती लहरो को देखकर हर व्यक्ति के मन में सुकून और आत्मिक शांति मिलती है और मिले भी क्यों नहीं क्योंकि सागर शहर की प्राचीन विरासत और उस विरासत के नाम से पहचाने जाने वाले लाखा बंजारा झील में लहरों के साथ दूर एक नाविक जब झील की लहरों पर नाव खेपते दिखता है तो इस मनोहारी दृश्य का शब्दों में वर्णन करना असंभव सा लगता है।
लेकिन इसके पहले सागर झील मैं इतनी बड़ी मात्रा में जलकुंभी फैली थी कि उसके कारण झील का पानी भी ठीक तरह से नहीं दिखता था , लेकिन उसको साफ करा देने से अब झील मनोहारी दिखने लगी है और झील के एक ओर का थोड़ा सा हिस्सा शेष रह गया है जिसकी कुछ ही दिन में सफाई होने के साथ पूरी झील सुंदर और मनोहरी देखेगी।
झील के बीचो-बीच स्मार्ट सिटी द्वारा बनाया गया एलिवेटेड कॉरिडोर जो झील के पूरे दृश्य को देखने का अच्छा साधन है और इसके ऊपर से झील का जो नजारा देखने मिलता है वह शायद आजू-बाजू की सड़कों पर जाने से नहीं दिखता।
झील में फैली जलकुंभी को साफ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नगर निगम आयुक्त
राजकुमार खत्री ने झील को वास्तविक रूप में लाने के लिए तालाब में फैली जल कुंभी को एक अभियान चलाकर साफ कराया और थोड़े से भाग में जो शेष जलकुंभी बची है वह भी कुछ दिनों मे साफ कर दी जायेगी ताकि नागरिक झील की सुंदरता को आसानी से देख सकें।।