समाज सदा धर्म,सत्य, नीति व न्याय से संचालित होगा, आसुरी शक्तियां हारेंगी – पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह

सागर

समाज सदा धर्म,सत्य,नीति और न्याय से संचालित होगा। धर्म के मार्ग पर चल कर ही हम सुख शांति समृद्धि के साथ रह सकते हैं और अधर्म अनीति से लड़ सकते हैं। यह उद्गार बाघराज वार्ड में आयोजित दीपावली मिलन समारोह में पूर्व गृहमंत्री, वरिष्ठ विधायक  भूपेन्द्र सिंह ने व्यक्त किए। उन्होंने सुख समृद्धि के लिए पांच सूत्र बताए।

सागर नगर निगम के बाघराज वार्ड के पार्षद व मेयर इन कौंसिल सदस्य राजकुमार पटेल द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि अधर्म और अनीति पर चलने से ही रावण का अंत हुआ। हम प्रतिवर्ष रावण का दहन करते हैं। आज कलियुग में रावण जगह जगह घूम रहे हैं उन से सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आस्था न रखने पर गंगा स्नान करने से मात्र देह ही स्वचछ होती है लेकिन आस्था से भरा व्यक्ति गंगा स्नान से देह के साथ मन और आत्मा भी शुद्ध कर लेता है। इसी प्रकार दीपावली पर दियों के प्रकाश से मन में समृद्धि और सृजन का भाव आता है। उन्होंने कहा कि सुख दुख जीवन का क्रम है, भगवान के अवतारों को भी दुखों से गुजरना पड़ता है।

जीवन की श्रेष्ठता के पांच सूत्र बताते हुए पूर्व मंत्री श्री सिंह ने बताया कि अधर्म के मार्ग पर न चलें, परस्त्री को अपनी माता का सम्मान दें, अधर्म के स्थान पर अन्न भी ग्रहण न करें, कटु शब्द न बोलें और सदैव दान और सेवा के कार्य करते रहें। उन्होंने कहा कि दुर्योधन अधर्म पर था और गंगापुत्र भीष्म जैसे महा पुरुष ने भी उसका अन्न ग्रहण किया तो उन्हें द्रौपदी के चीरहरण के समय सिर झुकाए बैठना पड़ा। उन्होंने कहा कि जिनमें मोह और धन की लालसा है वे जीवन में सुखी नहीं रह सकते। दुर्योधन पांडवों को 5 गांव दे देता तो महाभारत होता ही नहीं। द्रौपदी दुर्योधन का उपहास न करती तो महाभारत का आरंभ ही न होता। उन्होंने कहा कि धन कुएं के पानी की तरह है। निकलेगा नहीं तो सड़ जाएगा।

पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कभी भी किसी को अपने से छोटा न समझें। इसी अज्ञानता में दुर्योधन ने भगवान श्रीकृष्ण को बंदी बनाने का आदेश दिया तब भगवान ने अपना विराट स्वरूप दिखा कर उसे बता दिया कि तुझ सहित सारा अस्तित्व मेरे ही भीतर समाहित है। श्री सिंह ने कहा कि भारत देश और इसकी महान संस्कृति हिंदू धर्म के कारण ही अखंड और अविनाशी है। उन्होंने समारोह में उपस्थित नारी शक्ति को कार्तिक स्नान की परंपरा के विषय में बताते हुए कहा कि आज की पीढ़ी में ऐसी परंपराए कम होती जा रही हैं। उन्होंने अच्छे आयोजन के लिए पार्षद राजकुमार पटेल को बधाई दी।

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