



सोनू कुशवाहा दमोह
दमोह लोकसभा क्षेत्र की देवरी विधानसभा और जबेरा विधानसभा के विभिन्न ग्रामों में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी राजेश सोयाम ने किया जनसंपर्क लोगों का मिल रहा है भारी जन समर्थन और आशीर्वाद एवं स्नेह आपको बता दे की दमोह लोकसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित होने के बाद सभी पार्टियों के प्रत्याशियों को चिन्ह आवंटित होने के बाद सभी पार्टियों के नेताओं ने जनसंपर्क तेज कर दिया है ऐसे में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी भी लगातार जनसंपर्क लोगों के बीच पहुंच रहे हैं जिससे भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस में खलबली का माहौल दिखाई दे रहा है जिससे भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी में नेताओं का इधर-उधर जाना जनता के बीच एक मैसेज जा रहा है कि कहीं तीसरी अन्य पार्टी को जनता अपना मत प्रदान न कर दे जिससे भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है जानकारी अनुसार
मध्य प्रदेश के सागर संभाग में
बुंदेलखंड अंचल की प्रमुख दमोह लोकसभा सीट को कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था
वर्ष 1989 से भाजपा ने यहां से अपनी जीत का क्रम शुरू किया और यह जारी है। दमोह के मतदाता 35 वर्षों से भाजपा के साथ ही खड़े हैं। दमोह क्षेत्र दो तीर्थस्थलों की वजह से भी पहचाना जाता है। बांदकपुर में शिवजी का जागेश्वरनाथ धाम और कुंडलपुर में जैन तीर्थस्थल है। प्रदेश व केंद्र सरकार में दमोह संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं का अच्छा प्रभाव रहा है। इस सीट के साथ रोचक संयोग यह भी है कि यहां बाहरी प्रत्याशियों का दबदबा रहा है
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में बुंदेलखंड की दमोह लोकसभा सीट पर बिकाऊ-टिकाऊ का मुद्दा गूंज रहा है। कांग्रेस अपने लोकसभा प्रत्याशी तरबर सिंह लोधी को टिकाऊ और मिस्टर भरोसेमंद बता रही है। भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी को बिकाऊ बताकर वोट मांग रही है, गौरतलब है कि भाजपा के राहुल और कांग्रेस के तरबर सिंह लोधी कभी गहरे और पक्के दोस्त थे लेकिन अब विरोधी पार्टियों के टिकट पर चुनाव में आमने-सामने हैं,
देखना होगा कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी में लोधी वर्सेस लोधी होने से अन्य वर्ग एवं आदिवासी प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं और कोई अन्य प्रत्याशी दमोह लोकसभा सीट पर मौका पर चौका मार सकता है, क्योंकि लोधी वोट बैंक के बाद अन्य वर्ग अब निर्णायक भूमिका में है जो कि निर्दलीय प्रत्याशी या फिर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की ओर जा सकता है जिससे भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी को लोकसभा में इसका काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है