



सागर
सागर जिले के शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय में मध्य प्रदेश स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान’ पर शोध पत्र प्रस्तुत किया गयाइतिहास परिषद की दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के 41 में अधिवेशन में डॉक्टर हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के शोधार्थी आशु अहिरवार द्वारा ‘आजाद हिंद फौज में भिंड जिले के विस्मृत स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान’ पर शोध पत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उन्होंने बताया कि कैप्टन मोहन सिंह एवं रासबिहारी बोस के पश्चात नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज में आंतरिक एवं बाह्य स्वरूप को लेकर अनेक परिवर्तन किये थे। जिसमें भिंड जिले के स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर राष्ट्र को स्वाधीनता दिलाने के लिए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ अनेक गतिविधियों को अंजाम दिया था।अमर स्वतंत्रता सेनानियों में बटेश्वरी दयाल शर्मा, रामनाथ सोनी, रघुवीर सिंह कुशवाहा, दीपचंद पालीवाल, गंगाधर मुनीम, अमर सिंह कुशवाहा, उल्फत बाल्मिक आदि ने हमारे राष्ट्र को बचाने के लिए सर्वस्व न्यौंछावर कर दिया।
इस राष्ट्रीय परिषद में राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, एवं उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के कुल गुरु, आचार्य एवं विद्तजन उपस्थित रहे। इस सफल संगोष्ठी के कार्यकारी सदस्यों में प्रोफेसर बी.के. श्रीवास्तव परिषद अध्यक्ष, प्रोफेसर नवीन गिडियन, शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, सागर एवं स्थानीय सचिव डॉक्टर पंकज सिंह, सहायक आचार्य डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इसी के साथ आशु अहिरवार जी ने इन चार पंक्तियों के साथ ‘किसी को विस्मृत कर देने से उसका अस्तित्व नहीं मरता, मरता है वह व्यक्ति पर उसका व्यक्तित्व नहीं मरता।
हम उन्हें विस्मृत कर जीते जी मर गए और वह शहीद होकर भी अमर हो गए’। मध्य प्रदेश इतिहास परिषद का सफलतापूर्वक समापन हुआ।