



सागर
डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर विद्यार्थियों के अकादमिक रिकॉर्ड को डिजिटली उपलब्ध कराने में देश भर के अग्रणी संस्थानों में शुमार होते हुए दूसरे नंबर पर है। इसके लिए नई दिल्ली के होटल चाणक्य में आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. धर्मेन्द्र प्रधान ने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता को सम्मानित किया। गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा ‘वन स्टूडेंट-वन आईडी’-अपार आईडी लांच किया गया है जिसके तहत 25 करोड़ विद्यार्थियों के अकादमिक रिकॉर्ड डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध हैं। इस उपलब्धि के अवसर पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट क्रियान्वयन में अग्रणी शीर्ष चार संस्थानों के कुलपतियों को केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. धर्मेन्द्र प्रधान ने सम्मानित किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. धर्मेन्द्र प्रधान ने संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में प्रत्येक भारतीय के पास अपार-आई डी उपलब्ध होगी जो उसे वैयक्तिक पहचान दिलाएगी। एबीसी और डीजीलॉकर के माध्यम से ही नई शिक्षा नीति 2020 के महत्त्वपूर्ण उद्देश्य मल्टीपल एंट्री-मल्टीपल एक्जिट की अवधारणा को पूर्ण करने में सहायता मिलेगी। भविष्य में ए बीसी और डीजीलॉकर पर उपलब्ध सूचनाओं को एकेडमिक क्रेडिट और जॉब प्रोफ़ाइल से लिंक कर रोजगार संबंधी क्षेत्र में उपयोग में लाया जाएगा। पूरी दुनिया ने 53 डिजिटल पॉवर इंफ्रास्ट्रक्चर 16 देशों ने मिलकर किया है जिसमें से 19 को भारत ने अकेले विकसित किया है। उन्होंने अपार-आईडी लांच करते हुए दीक्षा, स्वयं, समर्थ जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से स्किल, नॉलेज और स्पोर्ट्स तीनों में बराबर समन्वय स्थापित किया जा रहा है।