



नववर्ष एवं मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ मिलन समारोह
सागर
डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में नववर्ष एवं मकर संक्रांति के अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति का सार सूत्र उसके भारतीय खान-पान एवं परंपराओं में निहित है. यह सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक चेतना का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. इस अवसर पर हम संकल्प लें कि हम सभी समन्वित प्रयासों से विश्वविद्यालय की अकादमिक एवं रचनात्मक गतिविधियों को उपलब्धियों के उतुंग शिखर तक ले जायेंगे. विश्वविद्यालय में नवागंतुक शिक्षकों, अधिकारीयों, कर्मचारियों के लिए भी इस मायने में विशेष है कि एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक समागम के जरिये वे सब एक दूसरे से परिचित हो सकेंगे. कुलपति ने सभी को इस अवसर बधाई एवं शुभकामनायें दी. उन्होंने इस तिथि पर पतंग उड़ाने के सांकेतिक महत्व को बताते हुए कहा कि यह एक समन्वित संकल्प के साथ नई ऊंचाइयों पर पहुँचने का प्रतीक है. भारतीय संस्कृति ऐसे कई पारंपरिक अवसरों एवं त्योहारों से समृद्ध है जिनके माध्यम से एकता और अखंडता का संदेश प्रवाहित होता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में मकर संक्रांति के व्यंजनों का स्वल्पाहार कार्यक्रम भी आयोजित किया गया. इस अवसर पर विद्यार्थियों ने मकर संक्रांति के हर्ष का प्रतीक पतंगबाजी भी की। कार्यक्रम में विवि के शिक्षक प्रो. पी.के. कठल, प्रो. नवीन कानगो, प्रो. एच. थामस, प्रो. अजीत जायसवाल, प्रभारी कुलसचिव डॉ. एस.पी. उपाध्याय, उपकुलसचिव सतीश कुमार डॉ हिमांशु, डॉ आशुतोष, डॉ. राकेश सोनी, डॉ पंकज तिवारी सहित कई शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं एनसीसी के विद्यार्थी मौजूद रहे।