



विवेक साहू गढाकोटा/सागर
जिले के कई इलाकों में यूं तो अजीब शिवालय है लेकिन गढ़ाकोटा तहसील मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर बसे रेगुंवा गांव से अंदर 2 किलोमीटर स्थित वीरान ग्राम घोनो में सुनार नदी के तट पर सुरम्य वादियों में स्थित भगवान शंकर के 7 प्राचीन मंदिर एवं 12 चबूतरे बने हैं। और मंदिरों में प्राचीन शिवलिंग विराजित थे। जो आस्था का केन्द्र है। जहां पहुंचकर श्रद्धालु भगवान शंकर की भक्ति पूजा करने आते थे ।भगवान शंकर के साथ प्राचीन मंदिर एवं शिवलिंग के 12 चबूतरे कई सैकड़ों साल पुराने है ।जो एक ही स्थान पर बने हैं। स्थानीय लोग इसे सुरई के नाम से पुकारते हैं। गांव के बंटी चौबे , विनोद कुर्मी एवं अशोक कुर्मी खेजरा ने बताया कि प्राचीन ईटों पत्थर को चूना से जोड़कर बनाए गए थे यह मंदिर जहां धार्मिक आस्था का केंद्र है वही पुरातत्व दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। इनके निर्माण के संबंध में कहा जाता है इनका निर्माण राजा मर्दन सिंह जूदेव करवाया था। बुजुर्ग बताते हैं सन 1960 तक लोगों का निरंतर पूजा पाठ के लिए आना-जाना लगा रहा और अनेक साधु संत रहते थे। समय-समय पर बड़े मेले और भंडारा का आयोजन होता था ।परंतु इसके बाद यहां से साधु संतों के ना आने से यह स्थल जर्जर जीर्णशीर्ण हो
गया और स्थान एकांत में होने के कारण कम लोग ही जाते हैं।
अनसुईया आश्रम से आए और यहां पूजा पाठ कर रहे 60 वर्षीय सुग्रीम बाबा 9 साल से यहां रह रहे हैं उन्होंने बताया कि की जो यह 12 चबूतरे बने हैं यह साधु संतों की समाधि स्थल है। जो कोई भी इस स्थान पर शांत मन से भगवान का ध्यान लगाकर बैठने पर ओम शब्द का उच्चारण सुनाई देता है।
वर्तमान में यहां महाशिवरात्रि, वसंत पंचमी एवं संक्रांति तीज त्योहार पर भक्त दर्शन करने आते हैं। लोग पिकनिक मनाने भी आते हैं ।आज यहां महाशिवरात्रि पर भक्तों की भीड़ उमड़ेगी।
पूर्व मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक गोपाल भार्गव ने यहां आवागमन के लिए पक्की सड़क, संत भवन पेयजल सहित अन्य विकास कार्य करवाए हैं। जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि सुरेश कपस्या ने बताया कि यहां सामूदायिक भवन ,घाट का निर्माण का करवाया जा रहा है। अगले साल यहां पर यज्ञ किया जाएगा।