



पूर्व प्रधान जिला न्यायाधीश अरुण सिंह ने रामचरितमानस पर दिए प्रवचन
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सागर
जीवन में कितनी ही ऊंचाइयों पर पहुंच जाओ, लेकिन कभी अभिमान मत करना! अभिमान के कारण ही रावण, कौरव और कंस का पतन हुआ है ! इस जन्म में आप जो दुख भोग रहे हैं, हो सकता है पूर्व जन्मों के कर्मों का बंधन हो! कलयुग में सिर्फ प्रभु राम की शरणागति से ही भवसागर पार हो सकता है! यह वचन बड़ा बाजार स्थित गेडाजी मंदिर परिसर में पूर्व प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश अरुण सिंह श्री रामचरितमानस पर व्याख्यान करते हुए कहे !
श्री सिंह ने कहा- रामचरितमानस के हर दोहे और चौपाई में जीवन का सार छिपा है! उन्होंने राम भक्त हनुमान के कई उदाहरण देते हुए बताया प्रभु श्री राम की कृपा से हनुमान जी ने वह असंभव कार्य भी कर डाले जो शायद उनके बस की बात नहीं थी! श्री सिंह ने कहा- जीवन में तीन बातें परिवार, धन और यश सभी कोई चाहता है, लेकिन जीवन में भटकाव का यही मूल कारण है!
उन्होंने कहा- राग द्वेष और अभियान से हमेशा बचना चाहिए जिसके जीवन “मैं” आ गया समझो उसका विनाश निश्चित है! यश की कामना सुरसा की तरह होता है जिसका मुंह हमेशा बड़ा होता जाता है और जिसने यश को जीवन का साधन समझा वही दुख पाता है !
श्री सिंह ने गिद्ध पक्षी का उदाहरण देते हुए कहा- जीवन में हमेशा विश्वास, विचार की ऊंचाई रखना चाहिए ! जिसके जीवन का लक्ष्य ऊंचा है भगवान हमेशा उसका साथ देते हैं ! उन्होंने कहा सनातन धर्म को बचाने के लिए सबको आगे आना चाहिए! दोहा और चौपाई के माध्यम से संगीत की धुन पर ऐसा भक्ति रस वर्षा की श्रोता प्रभु भक्ति में लीन होकर थिरकने पर पर मजबूर हो गए! गोंडाजी मंदिर ट्रस्ट की ओर से सभी भक्तों का राम नाम गमछा डालकर स्वागत किया गया! सुंदरकांड और रामचरितमानस पर आधारित कई श्लोक के माध्यम से पूर्व जज श्री सिंह ने जीवन की राह बताई !
पूर्व प्रधान न्यायाधीश का केके बक्शी ने किया सम्मान
सागर लघु उद्योग केंद्र से सेवानिवृत जनरल मैनेजर एवं मिशन संतोष क्रांति के संस्थापक कृष्णकांत बख्शी ने सागर के प्रधान न्यायाधीश अरुण सिंह का शाल-श्रीफल से सम्मान किया! इस अवसर पर उन्होंने मिशन संतोष क्रांति से जुड़े कार्यों का ब्रोशर भी श्री सिंह को भेंट किया! मिशन संतोष क्रांति द्वारा चलाए जा रही मुहिम की पूर्व न्यायाधीश ने सराहना करते हुए हरसंभव सहयोग की बात कही!