



सागर ।
संत कंवरमराम वार्ड स्थित झूलेलाल सामुदायिक हाल में दिल्ली से पधारे महात्मा सुखदेव सिंह जी (जनरल सेक्रेटरी संत निरंकारी मंडल दिल्ली) एवं परम आदरणीय होली सिस्टर निरंजन जी की पावन हजूरी में विशेष निरंकारी सत्संग का आयोजन किया गया है। जिसमे सैकड़ों की संख्या में माताओ बहनो व सादसांगत ने आशीर्वाद लिया। सागर जोनल इंचार्च नारायणदास निरंकारी ने दिल्ली से पधारे महात्मा सुखदेव सिंह जी एवं होली सिस्टर निरंजन जी का दुपट्टा एवं फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया महात्मा सुखदेव सिंह जी ने अपने वचनों में फरमाया कि यह जो ज्ञान निरंकारी मिशन के सतगुरु माता सुदीक्षा जी प्रदान कर रही हैं यह ज्ञान युगो युगो से भगवान श्री कृष्ण को भी गुरु जी ने दिया भगवान श्री राम को भी उनके गुरु ने दिया यही ज्ञान महाभारत के रण में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दिव्य चक्छु देकर ज्ञान की वह आंखें देकर इस रमे हुए राम का दर्शन कराया कि इस ज्ञान को कोई शस्त्र काट नहीं सकता वायु इसको उड़ा नहीं सकती अग्नि इसे जला नहीं सकती पानी इसे भिगो नहीं सकता यह ब्रह्म का ज्ञान हर युगों युगों से हर मानव को सद्गुरु आकर स्वयं प्रदान करते हैं यह ज्ञान गुरु नानक जी ने भी दिया इस ज्ञान को मनुष्य अपने जीवन में पाकर अपने आप को धन्य करता है । परम आदरणीय होली सिस्टर निरंजन जी ने फ़रमाया की सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने स्याम सेवा करके और साद संगत को अपने सर का ताज कहा है और माता सविंदर हरदेव सिंह जी ने भी स्यम सेवा सिमरन और सत्संग के ऊपर हमेशा जोर दिया यहाँ सागर आकर बहुत अच्छा लगा । इस सत्संग में नगर विधायक शैलेन्द्र जैन जी ने कहा की जाती न पूछे साधु की पूछ लीजिये ज्ञान यहाँ निरंकारी मिशन के सत्संग में आकर बहुत अच्छा लगा आप सभी लोग शांत भाव से सत्संग प्रवचन सुन रहे थे हमें इस निरंकारी सत्संग में आज आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ हम यही प्रार्थना करते है की हमें भी सेवा और सत्संग का लाभ प्राप्त होता रहे आगे सहायक मीडिया सुनील मनवानी ने बताया की इस सत्संग में गढ़ाकोटा, जूड़ा, रहली, बंडा, खुरई, बीना एवं विदिशा, दमोह से भी अनेक निरंकारी भक्त भी शामिल हुए । आभार व्यक्त सागर जोनल इंचार्च नारायणदास निरंकारी आये हुए महात्मा सुखदेव सिंह जी एवं होली सिस्टर निरंजन जी एवं नगर विधायक शैलेन्द्र जैन जी का फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया एवं कहा की आज सागर में आप संतो के चरण पड़े है आप हमेशा ही इस नगरी में आते रहे और हमें सेवा सिमरन सत्संग का लाभ मिलता रहे एवं बहार से सभी आये हुए महात्माओ का स्वागत किया ।