आबकारी ठेका: एकल समूह से शासन को बढ़कर मिलेगा राजस्व, बाहर के ठेकेदार आएंगे

विजय निरंकारी सागर

80 फ़ीसदी दुकानों का रिनुअल नहीं होने के कारण अब एकल समूह को जिले की शराब दुकानें देने की तैयारी है। इससे शराब ठेकेदारों मोनोपोली समाप्त होने जा रही है। एकल समूह में बाहरी ठेकेदार भी काम लेने आएंगे। बोली 20% बढ़ाने के बाद तय की जाएगी। बोलीदारों में प्रतिस्पर्धा से सरकार को बढ़कर राजस्व मिलेगा। शराब के शौकीनों को महंगी शराब पीने के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा। तय रेट पर शराब बिकेगी। शराब तस्करी में कमी आएगी। कुछ पुराने ठेकेदारों के मंसूबों पर पानी फिरने के कारण एकल समूह को ठेका देने के खिलाफ है। एकल समूह को ठेका देने के लिए निविदा बुलाई जा रही है। फैसला हो जाएगा।

पुराने ठेकेदारों ने बनाया सिंडिकेट, बाहरी भी तैयार

20% बढ़कर ठेका नवीनीकरण की सरकार की नीति थी। 77 फ़ीसदी ठेके रिन्यू चुके थे। तय अवधि में ठेका नवीनीकरण नहीं हो सका ले। पुराने ठेकेदारों ने सिंडिकेट बनाया है तो बाहरी अच्छे ठेकेदार भी तैयारी में है।

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