सांसद डॉ. लता वानखेड़े की पहल: भारत में डिज़ाइन शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की ओर कदम सागर

सागर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के ‘बेहतर शिक्षा प्रणाली’ के सपने को आगे बढ़ाते हुए, सांसद डॉ. लता वानखेड़े ने भारत में डिज़ाइन और इनोवेशन शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी डिज़ाइन कॉलेज नेटवर्क स्थापित करने की महत्वपूर्ण पहल की है। इस कदम का उद्देश्य प्रोडक्ट डिज़ाइन, फैशन डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी-आधारित इनोवेशन को भारत के प्रत्येक वर्ग के छात्रों तक पहुँचाना है, ताकि वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए सक्षम हो सकें।

सांसद डॉ. लता वानखेड़े ने इस पहल के तहत डिज़ाइन शिक्षा के नेटवर्क को सागर, मध्य प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। इस योजना के अंतर्गत, राष्ट्रीय डिज़ाइन संस्थान की तर्ज पर देश के विभिन्न शहरों में डिज़ाइन कॉलेज खोले जाएंगे, जिनमें से सागर, मध्य प्रदेश एक प्रमुख केंद्र होगा। शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देशभर के 10 शहरों को चुना जाएगा, जहाँ डिज़ाइन कॉलेज स्थापित किए जाएंगे, और आवश्यकता के आधार पर भविष्य में और भी कॉलेज खोले जाएंगे।

यह पहल केवल डिज़ाइन शिक्षा की खाई को पाटने का काम नहीं करेगी, बल्कि यह युवाओं को रचनात्मकता, नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को भी साकार करेगी। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “Make in India” और “Skill India” अभियानों के अनुरूप है, जो भारतीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाए गए हैं।

डॉ. वानखेड़े ने इस दिशा में देशभर में एक सशक्त डिज़ाइन शिक्षा प्रणाली बनाने का प्रस्ताव दिया है, जो विद्यार्थियों को अत्याधुनिक तकनीकों, उद्योग-निर्देशित प्रशिक्षण और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगी। उनका मानना है कि डिज़ाइन शिक्षा छात्रों की समस्या सुलझाने की क्षमता, रचनात्मक सोच और नवाचार की भावना को बढ़ावा देती है, जो उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी और देश के आर्थिक विकास में योगदान करेगी।

आज के तेज़ी से बदलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में डिज़ाइन उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान है, जैसे कि प्रौद्योगिकी, निर्माण, बुनियादी ढांचा, उपभोक्ता उत्पाद और डिजिटल सेवाएं। डिज़ाइन थिंकिंग रचनात्मकता, समस्या समाधान और नवाचार को बढ़ावा देती है, जिससे व्यवसायों को उपयोगकर्ता-केंद्रित समाधान प्रदान करने में मदद मिलती है, जो प्रतिस्पर्धा और विकास को बढ़ावा देते हैं। जिन देशों ने डिज़ाइन शिक्षा में निवेश किया है, उन्हें महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ और जीवन की गुणवत्ता में सुधार प्राप्त हुआ है।

भारत में डिज़ाइन के लिए कुशल पेशेवरों की मांग तेजी से बढ़ रही है, और उद्योग डिज़ाइन-नेतृत्व वाली नवाचार की अहमियत को समझ रहे हैं। ऑटोमोबाइल, वास्तुकला, फैशन, उत्पाद डिज़ाइन, डिजिटल अनुभव और सरकारी परियोजनाओं में डिज़ाइन को सफलता के एक प्रमुख कारक के रूप में प्राथमिकता दी जा रही है। सांसद डॉ. लता वांखेड़े का यह कदम भारत की आने वाली शिक्षा प्रणाली में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह पहल न केवल डिज़ाइन शिक्षा को नई दिशा देगी, बल्कि भारत को वैश्विक डिज़ाइन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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