



सागर
दिव्य रंग एकता वेलफेयर फाउण्डेशन द्वारा प्रस्तुत लगभग २ घंटे की अवधि वाले इस नाटक की एसोशिएट डायरेक्टर डॉ अनामिका सागर थीं और डिजाइन एवं डायरेक्शन था आशुतोष बनर्जी का ।
आशुतोष बनर्जी ने नाटक की समाप्ति के बाद बताया कि यह नाटक या इसका अंश अंग्रेजी विषय के पाठ्यक्रम का हिस्सा हुआ करता था। नाटक उनकी भी नौवीं कक्षा में पाठ्यक्रम में था, और उन्हें तब बहुत कम अंक मिले थे।
बचपन में कहानी सुनने की आदत के कारण मैंने नाना जी से (जो अंग्रेजी के अध्यापक थे)और पिता जी से यह कथा सुनी थी। पोर्शिया, क्रूर व्यापारी शाइलक,बेसेनियो और यारों का यार भला आदमी एन्टोनियो के साथ अन्य किरदारों से बुने इस नाटक का असली मजा कोर्ट वाले दृश्य में ही आता था । पोर्शिया का पुरूष रूप धर के वकील के वेष में आना और बदन से १ पौंड मांस काटते हुए एक बूंद खून न गिरने की दलील देना । शाइलक का हक्का बक्का बंद, न्याय की गुहार लगाना। यह सुनना और पढ़ना तब भी जबरदस्त रोमांच भरता था।
नाट्य प्रस्तुति में दर्शकों की भरपूर उपस्थिति अंत तक बनी रही क्योंकि अभिनय, संगीत, दृश्यबंध, प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त थी। नाटक की लय बेहतर बनी रही । तब और आज के हालात और संदर्भों और परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भी न्याय और मानवीयता के पक्षों को सुंदर ढंग से पेश किया गया। मंच परे
प्रकाश परिकल्पना- दीप कुमार
संगीत संचालन- नरेश कुमार
मंच सामग्री- एकता रायकवार
वस्त्र विन्यास- रुशाली एवं शेफाली
नृत्य संरचना- मेहा एवं अनामिका
सेट डिज़ाइन एवं सहायक निर्देशक- डॉ अनामिका सागर
परिकल्पना एवं निर्देशन- आशुतोष बनर्जी
प्रस्तुति प्रबंधक – डॉ अश्विनी सागर
मंच पर
रुशाली राइ
अनामिका सागर
प्रणय राजपूत
काएना सेन
मेहा अनेजा
अधिराज गौतम
साहिब सचदेव
उज्ज्वल यादव
मनोज सिंह सहगल
जयेन्द्र कौशल
अनुराग पटेल
आशना शर्मा
दया आनंद
हर्ष इंखिया
यशवंत भार्गव
अक्छत्दीप वर्मा
दक्ष खंडूजा
शुभम जोशी
जय कुलकर्णी
शेफाली आनंद
अनुभव बंसल