



सागर
विगत वर्ष के जूनमाह में राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक परिवर्तन परियोजना बंद होने के बाद बेरोजगार हुए 405 कर्मचारियों ने फिर से नौकरी पर रखे जाने की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से मुलाकात की है.
भोपाल: राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक परिवर्तन परियोजना में अपनी सेवाएं देने वाले कर्मचारियों ने पुनः नौकरी पर रखे जाने की गुहार लगाई है. प्रदेश में कार्यरत 405 कर्मचारियों की सेवाएं जून माह में ही खत्म कर दी गई थी. कर्मचारियों ने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से मुलाकात कर फिर से नौकरी पर रखे जाने हेतु ज्ञापन सौंपा है. वित्त मंत्री ने कहा कि नियुक्ति के संबंध में बजट अलॉट किया जा चुका है, लेकिन शासन ने ऐसा क्यों नहीं किया देखना होगा.
केन्द्र ने पहले ही राज्यों को निर्देश दिए है
दरअसल, राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक परिवर्तन परियोजना के तहत प्रदेश के 18 जिलों में ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उन्हें आजीविका उपलब्ध कराने के लिए काम किया गया था. इसके लिए 405 कर्मचारियों को विभिन्न जिलों में पदस्थ किया गया था. जून माह में यह परियोजना खत्म होने के साथ ही कर्मचारियों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. हालांकि कर्मचारियों की मांग के बाद केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 13 राज्यों को आदेश दिये थे कि बेरोजगार हुए कर्मचारियों को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के खाली पदों पर रखा जाए. बालाघाट से आई ललिता बिसेन का कहना हैं कि कई राज्यों में बाहर हुए कर्मचारियों को वापस रख लिया गया है, लेकिन मध्य प्रदेश में अभी तक नाही उस पत्र पर अमल किया गया और नाही इसको लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया.
वित्त मंत्री से मिला आश्वासन
बेरोजगार हुए कर्मचारियों ने उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से भी मुलाकात की. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि ”इसको लेकर पहले ही बजट अलॉट हो चुका है. अब शासन ने इस पर कार्रवाई क्यों नहीं की है ये देखना पड़ेगा.” कर्मचारियों ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद विष्णु दत्त शर्मा सहित मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से भी मुलाकात की और नौकरी पर रखे जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा.