



सागर
गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू आपकी गोविन्द दियो बताय।।
भारत की धरती पर संस्कारों की अमृत वर्षा करने वाले व्यक्तित्त्व के धनी गुरूजनों का शिक्षक दिवस पर गोपालगंज बुन्देलखण्ड विकास मंच द्वारा सम्मान समारोह आयोजित किया गया। शिक्षक दिवस सम्मान समारोह में वयोवृद्ध शिक्षक बालमुकुंद गुप्ता, कृष्णकांत मिश्रा, सुरेश प्रसाद पाण्डे, कुंदनलाल दीक्षित, रविशंकर विनोदे जी का सम्मान करते हुए गोपालगंज बुन्देलखण्ड विकास मंच के सभी सदस्यों ने हर्ष एवं गौरव का अनुवभ प्राप्त किया।
गरिमामय कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमति संगीता तिवारी महापौर सागर ने की एवं विशिष्ठ अतिथि रूपेश यादव पार्षद गोपालगंज एवं एम आई सी सदस्य रहे। ।
वयोवृद्ध शिक्षकों ने अपने मुखारविंद से ज्ञानवर्षा करते हुए सभी उपस्थितजनों के ज्ञान ,स्वास्थ्य तथा समृद्धि की कामना की।
गुरू श्री बालमुकुंद गुप्ता द्वारा स्वरचित कविता “दर्पण “के माध्यम से आशीर्वाद दिया कविता का वाचन उनके पुत्र श्री आनन्द गुप्ता द्वारा किया गया। श्री कृष्णकांत मिश्र द्वारा अपने अनुभव साक्षा किये पुत्र श्री नीरज मिश्र ने उनके ऊपर लिखी कविता का वाचन किया,
श्री सुरेश पाण्डे शिक्षक ने सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की। शिक्षक श्री केएल दीक्षित द्वारा परिवार जनों, बच्चों के चरित्र पर विशेष ध्यान देने नारी का सम्मान सनातन संस्कृति के अनुसार करने पर प्रकाश डाला।
विनोदे जी द्वारा गुरू के महत्व, गुरू शिष्य संबंध पर विस्तार से अपना उद्बोधन दिया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमति संगीता तिवारी महापौर सागर द्वारा समस्त शिक्षकों की चरण वंदना करते हुए बताया कि डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म को शिक्षक दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?
असंभव को संभव करने की शक्ति गुरु के अंदर निहित होती है,ज्ञान बांटने पर बढ़ता है, संस्कार,ज्ञान निर्माण गुरू करता है गुरू वाणी का श्रवण मनन और उस पर चलने से ही मानव जीवन का कल्याण संभव है, संघर्ष व्यक्तित्व को निखारता है।
कार्यक्रम का आरंभ पं श्री राम शास्त्री के नेतृत्व में संस्कृत विद्यालय के बटुकों द्वारा स्वस्तिवाचन कर किया गया, श्रीमति संगीता तिवारी महापौर मंचासीन सभी गुरू जनों सहित सरस्वती जी की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीपप्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम के आरंभ में श्री रमाकांत मिश्र द्वारा गोपालगंज बुन्देलखण्ड विकास मंच सागर की गतिविधियों की जानकारी देते हुए सभी का स्वागत किया। डा राकेश शर्मा एवं श्यामलम् संस्था प्रमुख उमाकांत शास्त्री जीद्वारा भी संबोधित किया गया, अतिथियों के स्वागत क्रम श्रीमति संगीता तिवारी महापौर का, राजेन्द्र गर्ग,उमाशंकर पाण्डे पुष्प गुच्छ द्वारा स्वागत किया, रूपेश यादव पार्षद गोपालगंज वार्ड का, हरवंश गिरी गोस्वामी, गणेश सैनी द्वारा पुष्प हार से स्वागत किया।
समस्त शिक्षकों का पुष्प गुच्छ से स्वागत करते हुए श्रीमति संगीता तिवारी महापौर सागर ने आशीर्वाद प्राप्त किया, शिक्षक स्वागत क्रम में वयोवृद्ध शिक्षक बी एम गुप्ता का पुष्प हार द्वारा श्री बसंत श्रीवास्तव, अनूप असाटी ने स्वागत किया, स्मृति वाचन राजू स्वर्णकार द्वारा किया गया, शिक्षक कृष्णकांत मिश्र का पुष्प हार द्वारा स्वागत गणेश सैनी, अन्नू शुक्ला, स्मृति वाचन अनिल पाण्डे, शिक्षक एस पी पाण्डे स्वागत सौमेंद शुक्ला, श्रवण श्रीवास्तव, स्मृति वाचन आनन्द गुप्ता, शिक्षक श्री का स्वागत राजेन्द्र मिश्रा, रामकरण रावत स्मृति वाचन अभिनन्दन दीक्षित, शिक्षक श्री रवि विनोदे स्वागत अकील खान, राजेश चौबे ,स्मृति वाचन रमाकांत मिश्र द्वारा किया गया। मंच के नरेश चौरसिया, गुरूकांत तिवारी, उमाशंकर विनोदे अजयपुरम, नरेन्द्र चौरसिया, अंश मिश्रा, मुन्ना तिवारी एवं सभी सदस्यों द्वारा शाल,श्रीफल,स्मृतिचिन्ह गुरूजनों को भेंट किये गए ।विशेष आमंत्रित सदस्यों में अधिवक्ता सुंदर श्रीवास्तव दाऊ, राकेश स्थापक, किशन सेन कपिल वैसाखिया,राजेन्द्र तिवारी , पाण्डे अरविन्द हर्डीकर, अनिल गुप्ता,सौरभ दुबे योगाचार्य, श्रीमति कुसुम शास्त्री संध्यापुरम, श्रीमति पुष्पा शास्त्री श्रीमति सुशीला पाण्डे,श्रीमति अनुपमा राजपूत , बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन डा श्री सुनील श्रीवास्तव द्वारा करते हुए कहा अभी सीखना बहुत शेष है, मैं अज्ञानी शर्मसार हूँ, जन्म से लेकर आज दिवस तक जीवन के हर कालखण्ड में जिसने जो जो सिखलाया, हर शिक्षक का कर्जदार हूँ।
आभार प्रदर्शन श्री राजीव श्रीवास्तव ने किया।