‘परहित सरिस धरम नहीं भाई, पर पीड़ा सम नहीं अधमाई’ रचना को चरितार्थ किया रिशांक तिवारी ने

सागर

परोपकार से बड़ा कोई पुण्य नहीं है। जो व्यक्ति स्वयं की “चता न कर परोपकार के लिए कार्य करता है, वही सच्चे अर्थों में मनुष्य है। परोपकार का अर्थ है दूसरे की भलाई करना। परमात्मा ने हमें जो भी शक्तियां व सामर्थ्य दिए हैं वे दूसरों का कल्याण करने के लिए दिए हैं।
अगर कोई भी कार्य सही मन से मानवता की सेवा के लिए किया जाए तो लोग उस कार्य को पूरा करने के लिए निस्वार्थ भाव से आगे आकर मदद करते हैं।
इसका ताजा उदाहरण संकल्प फाउंडेशन के अध्यक्ष समाजसेवी, युवा नेता  रिशांक तिवारी द्वारा सदर निवासी कैंसर पीड़ित अरुण राय गब्बर भाई की मदद के लिए कुछ दिन पूर्व सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर लोगों से मदद की अपील की गई थी, जबकि फाउंडेशन के अध्यक्ष तिवारी कैंसर पीड़ित अरुण राय गब्बर से परिचित भी नहीं थे उनको इस बारे में मित्र मनिंदर राठौर और रूपम जी ने बताया था कि अरुण राय की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है और वे कैंसर का इलाज कराने में सक्षम नहीं है तब संकल्प फाउंडेशन ने आगे आकर अपील की ओर दानदाताओं ने लगभग 46 हजार रुपए की राशि कैंसर पीड़ित के इलाज लिए संकल्प फाउंडेशन को दान की।
फाउंडेशन के अध्यक्ष रिशांक तिवारी ने रविवार 18 अगस्त को कैंसर पीड़ित अरुण राय गब्बर को 51 हजार रुपए की राशि का चेक इलाज के लिए उनके घर जाकर सौंपकर सभी दानदाताओं द्वारा की गई मदद के लिए हृदय से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अरुण राय के इलाज के लिए और मदद की आवश्यकता होगी तो संकल्प फाउंडेशन पुनः मदद करने के लिए आगे आएगा ।

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