सागर सांसद श्रीमती लता वानखेड़े ने*—– एक राष्ट्र– एक दर पहल के लिए पेट्रोल और डीजल पर सामान वेट लगाने का सुझाव दिया

सागर

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री  हरदीप पुरी से सागर सांसद डॉक्टर श्रीमती लता वानखेड़े ने मुलाकात कर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक राष्ट्र- एक दर पहल के लिए पेट्रोल और डीजल पर समान वैट कर का प्रस्ताव सौपा है, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया है कि

पेट्रोलियम उत्पादों, विशेष रूप से पेट्रोल और डीजल, पर कराधान संरचना के संबंध में सुझाव देते हुए ‘एक राष्ट्र- एक दर’ के दृष्टिकोण की ओर बढ़ते हुए, विश्वास जताया हैं कि है सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल और डीजल पर समान वैट कर लागू करना इस तक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
उन्होंने कहा है कि आदरणीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में, हमारा राष्ट्र विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से प्रगति और विकास देख रहा है। हालांकि, विभिन्न राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर वर्तमान असमान वैट कर दरें पूरे देश में ईंधन की कीमतों में समानता प्राप्त करने में चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है,
पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में शामिल करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है, लेकिन संभावित राजस्व हानि के कारण कुछ राज्यों की अनिच्छा एक महत्वपूर्ण बाधा बनी हुई है। इसलिए उन्होंने एक वैकल्पिक दृष्टिकोण का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है जो इस चिंता का समाधान करता है और पूरे देश में ईंधन की कीमतों में समानता सुनिश्चित करता है।
आगे सांसद श्रीमती वानखेड़े ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल और डीजल के लिए वैट कर प्रतिशत को एक समान दर पर तय करके व्यक्तिगत राज्यों के लिए राजस्व हानि को कम कर सकते हैं और जीएसटी में तत्काल समावेशन की आवश्यकता के बिना समान ईंधन की कीमतों के कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान कर सकते हैं। यह दृष्टिकोण न केवल आम नागरिकों, किसानों और परिवहनकर्ताओं को स्थिर और पूर्वानुमानित ईंधन की कीमतें प्रदान करेगा बल्कि विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी सुव्यवस्थित करेगा।
इसलिए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि पेट्रोल और डीजल पर समान वैट कर लागू करना आर्थिक समानता और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता के साथ मेल खाता है और यह हमारे एकीकृत और समृद्ध भारत की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा।

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