



(जन्मदिन पर विशेष)
सागर
पंडित गोपाल भार्गव यानी गोपाल भैया । यह नाम नहीं। संपूर्ण कथा है । संघर्षों की । ध्येय की ।संकल्पों की । जरूरतमंदों की मदद की ! हमेशा धर्म की राह पर चलकर जनता की सेवा करना… यह संस्कार विरासत में मिले हैं ! एक दो; 10-20 नहीं करीब 15000 से ज्यादा गरीब कन्याओं के हाथ पीले कर उनके घर बसाकर सुखी दांपत्य जीवन करने वाले “गोपाल भैया” अपनी करनी और कथनी से सबके दिलों पर राज करते हैं! इसीलिए तो शायद गोपाल बनना हर किसी के बूते की बात नहीं….
बुंदेलखंड अंचल के सागर जिले की धरती पर एक ऐसी शख़्सियत जिनकी वाणी मैं सरस्वती विराजती है। जनता के हृदय प्रिय और राजनीति में चमकते सितारे को लोग ना तो नेता जी कहते हैं ना मंत्री-विधायक ! हर शख्स प्यार से “भैया” कहता है! जब अपनों या गैरों से मुखातिब होते हैं स्नेह; प्यार और अपनापन झलकता है! वाणी में ऐसा जादू एक बार जो मिल ले; मुरीद हो जाए! जी हां- यह 16 आने सच है बुंदेलखंड के शेर कहे जाने वाले गढ़ाकोटा के पंडित गोपाल भार्गव की!
नगर पालिका अध्यक्ष से शुरू हुआ सफर तीन बार प्रदेश सरकार में मंत्री, विपक्ष के नेता प्रोटीम स्पीकर जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं देकर हर जुम्मेदारी को बखूबी संभाल रहे हैं! छात्र राजनीति से भाजपा की राजनीति तक जनता के हक की आवाज उठाने के एवज में कई बार जेल गए!
बुंदेलखंड की पावन धरा से इनका नाता है! सागर जिले की गढ़ाकोटा तहसील इनकी जन्मभूमि है और कर्मभूमि संपूर्ण मध्य प्रदेश है! समाजसेवा और राजनीति का क-क-ह-रा यहीं से सीखा! छात्र जीवन से ही ऐसी राजनीति करते आ रहे हैं की बीते वक्त के जनहित के मुद्दों पर भैया का संघर्ष आज भी लोगों के लिए यादगार है! कभी भाजपा के छोटे-से-छोटे पदों के बाद प्रदेश स्तर के कई पदों पर अपना दायित्व बखूबी निभाया और रहली से विधानसभा का चुनाव लड़ा; जीते और कामयाबी का यह सफर करीब 50 साल से जारी है! भैया कि समाजसेवा और व्यवहार के कारण बुंदेलखंड के आसपास के विधानसभा क्षेत्र में भी जो जीत होती है इनमें भैया की मुख्य भूमिका रहती है यानी जीत के सूत्रधार भी भैया ही है!
राजनीति में चमकते सितारे गोपाल भैया रहली गढ़ाकोटा ही नहीं सागर संसदीय क्षेत्र की जनता की सेवा भी करने में हमेशा आगे रहते हैं….! बात चाहे विकास की हो गरीबों के हित की… छात्र राजनीति से लेकर भाजपा की राजनीति तक के सफर में जनता के हक की आवाज उठाने के एवज में कई बार जेल भी गए! अपना परिवार छोड़कर रात 2:00 बजे तक जनता की समस्याएं सुनना और उन्हें शासन-प्रशासन से हल करवाना अपना धर्म मानते हैं!
कोरोना काल की उस त्रासदी के दौरान चाहे सागर के अस्पतालों की बात हो या गंभीर मरीजों को नागपुर-हैदराबाद, दिल्ली भेजने की…. भैया ने एंबुलेंस से लेकर हेलीकॉप्टर तक की व्यवस्था मरीजों के लिए की और उनकी जान बचाई! आज भी रहली विधानसभा क्षेत्र से अस्थि विसर्जन के लिए वाहन निशुल्क “भैया” के द्वारा भेजे जाते हैं! भैया के जीवन में कई ऐसे समाज सेवा के कार्य है जिनके लिए लिखने को शब्द कम पड़ जाए!
चेहरे पर हल्की मुस्कान और धैर्य “भैया” की पहचान है! बात 2000 की है जब मैं “दैनिक भास्कर” सागर संस्थान में उप संपादक के पद पर था! मुझे यूपी में एक पारिवारिक कार्य मैं भैया की मदद की जरूरत पड़ी! मुसीबत की उस घड़ी में जब “भैया” से संपर्क किया तो व्यस्तता के बाद भी उन्होंने हमारी मदद की …..! ऐसे हमारे साथी मित्रों के भी कई उदाहरण हैं जब-जब भैया से उनकी विषम परिस्थितियों या मुसीबत के क्षणों में मदद मांगी गई तो व्यस्तताएं छोड़कर “भैया” ने सबसे पहले मदद की!
भैया का एक ही मूल मंत्र: भरोसा रखो ऊपर वाला सब ठीक करेगा
“भैया” ने हमेशा मुसीबत में सहारा; स्नेह और धैर्य दिया! जब भी कोई मुसीबत आती उन्हें बताओ तो उनका एक ही मूल मंत्र होता “भगवान सब ठीक करेगा… भरोसा रखो”!
संघर्ष से पाया मुकाम… “भैया” के लिए राजनीति समाजसेवा का एक जरिया
सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल रखने वाले “भैया” ने राजनीति में कई फैसले ऐसे लिए; जो इतिहास बन गए! बात चाहे कहीं भी चले पक्ष हो या विपक्ष! भैया का नाम सम्मान से लिया जाता है! जिस तरह भाजपा के पुरोधा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी का कोई भी विरोधी नहीं था इसी तरह लगता है पंडित गोपाल भार्गव का चाहे राजनीतिक हो या सामाजिक कोई भी विरोधी नहीं है! शीर्ष नेतृत्व भी इनके द्वारा की जा रही समाजसेवा की मंचों से तारीफ करता है! कन्या विवाह के दौरान आधे से ज्यादा सरकार के मंत्री गढ़ाकोटा की पावन भूमि पर भैया के बुलावे पर आते हैं!
हमेशा अपनों को साथ लेकर आगे बढ़ाने वाले “भैया” का कद आज प्रदेश की राजनीति में बहुत ऊंचा है! सूबे के मुख्यमंत्री भी वरिष्ठता के नाते इनका पूर्ण सम्मान करते हैं …..! जनहित के हर प्रस्ताव पर बिना बहस कैबिनेट में मंजूरी की मुहर लगी है! जिस क्षेत्र का उन्होंने प्रतिनिधित्व किया वहां आज भी विकास की गंगा बह रही है ! भैया ने कभी राजनीतिक चश्मे से यही नहीं देखा कि यह मेरा क्षेत्र नहीं है! जो भी समस्याएं लेकर पहुंचा चाहे वह फरियादी कहीं का हो दरबार से निराश नहीं लौटा !
तभी तो लोग कहते हैं-“भैया के दरबार में यूं ही नहीं लगती भीड़; उन्हें मालूम है यहां हमारा मसीहा रहता है!” आज रहली गढ़ाकोटा का विकास देखकर लोग यही कहते हैं- मैंने सोच समझकर जनप्रतिनिधि चुना है! बात चाहे स्वास्थ्य; शिक्षा; धर्म; संस्कृति के अलावा बुनियादी सुविधाओं की हो हर क्षेत्र में रहली-गढ़ाकोटा अब स्मार्ट सिटी से कम नहीं और आशा ही नहीं विश्वास है विकास के चलने वाले इस निरंतर पहिए के कारण आने वाले कल में प्रदेश ही नहीं; देश में यह विधानसभा क्षेत्र एक मॉडल बनेगा…!
हजारों बेटियों का कन्यादान लेकर उनके हाथ पीले कराने वाले स्नेह और धैर्य की प्रतिमूर्ति आदरणीय “गोपाल भैया” के दामन में लाखों दुआएं हैं! शीर्ष नेतृत्व आपको जो भी जिम्मेदारी दे उस पर आप खरे उतरे …..कदम-कदम पर आपको कामयाबी मिले; जितनी ऊंचाइयों पर आप जाएंगे जनता को आपसे संबल मिलेगा …… आदरणीय “भैया” के लिए जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं 🙏