कलेक्टर ने तहसील का किया औचक निरीक्षण* *कर्तव्यहीनता,लापरवाही, भ्रष्टाचार की शिकायत पर तहसीलदार रंजन यादव को लगाई फटकार

*तहसील के अधिकारियों,कर्मचारियों,दलालों में मचा हड़कंप,अधिवक्ता संघ ने की थी शिकायत*

छतरपुर। कलेक्टर संदीप जी आर ने बुधवार को तहसील का औचक निरीक्षण किया और निरीक्षण के दौरान कई खामियां पाईं। तहसील में कर्तव्यहीनता देखने पर तहसीलदार रंजना यादव को कड़ी फटकार लगाई। इस दौरान तहसीलदार, नायब तहसीलदार और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया ।तहसीलदार रंजना यादव पर अधिवक्ताओं के साथ अभद्र व्यवहार करने के आरोप लगे थे। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी और तहसीलदार को हटाए जाने की मांग की थी। अधिवक्ताओं का आरोप है कि तहसीलदार का व्यवहार न केवल अनुचित है, बल्कि कार्यसंस्कृति के खिलाफ भी है।

*कलेक्टर को मिलीं ये खामियां*

*दस्तावेजों का अपूर्ण रखरखाव*

निरीक्षण के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज ठीक से संधारित नहीं पाए गए। कुछ फाइलें अधूरी थीं और कुछ महत्वपूर्ण कागजात गायब थे। जानकारी के अनुसार कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज अधिकारियों के घर पर भी रखे हुए हैं।

*लंबित मामलों की अधिकता*

कई मामलों का निपटारा समय पर नहीं किया गया था, जिससे जनता को अनावश्यक देरी का सामना करना पड़ रहा था। आवेदकों की नामांतरण संबंधी फाइलों को अनावश्यक रूप से रोका जा रहा था आरोप लगे हैं किचन फाइलों के पैसे ले लिए जाते हैं उनका ही नामांकन किया जाता था वरना नामांकन निरस्त कर दिया जाता है।

*कर्मचारियों की अनियमित उपस्थिति*

कई कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंचे थे और कुछ अनुपस्थित पाए गए। सूत्रों ने बताया कि कुछ कर्मचारी ऐसी हैं जो देर रात तक तहसीलदार के इशारों पर काम करते हैं दिनभर यह कार्यालय से गायब रहते हैं और शाम होते ही कार्यालय में आकर कार्य करते है। इनमें से एक कर्मचारी तो ऐसा है जो जिसे पिछले दिनों कलेक्टर ने छतरपुर तहसील से हटकर नौगांव भेज दिया था।

*सफाई व्यवस्था की कमी*

तहसील परिसर में सफाई की व्यवस्था भी अत्यंत खराब पाई गई, जिससे वातावरण अस्वच्छ था। तहसीलदार के चेंबर के बगल में ही मूत्रालय बना हुआ है जो जिसमें गंदगी फसरी हुई है यहां की बदबू से यहां आने वाले लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है तहसील की दीवारों पर जगह-जगह लोगों द्वारा गुटखा खाकर थूक गया है जिसे मिटाया नहीं गया हालांकि यह मानव स्वभाव के विपरीत है।

*सार्वजनिक शिकायतों का निपटारा न होना*

जन शिकायतों के निपटारे में भी भारी लापरवाही बरती जा रही थी। कई शिकायतें बिना किसी कार्रवाई के लंबित पड़ी थीं। ऐसे में आवेदन करता तहसील के चक्कर लगा लगाकर थक चुके हैं यहां केवल वही फाइलों पहले की जाती है। जिनका पैसा जमा कर दिया जाता है तहसील में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है कि यहां कोई कर बिना पैसे लिए नहीं होता है।

*अधिवक्ता संघ की प्रतिक्रिया*

अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार दीक्षित ने कलेक्टर के इस कदम की सराहना की और कहा कि यह प्रशासन की जवाबदे ही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि तहसील में कार्यसंस्कृति में सुधार होगा और अधिवक्ताओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाएगा। प्रशासन की कड़ी निगरानी कलेक्टर ने संकेत दिए कि तहसील और अन्य सरकारी कार्यालयों में नियमित निरीक्षण जारी रहेगा। प्रशासन का उद्देश्य सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना है, ताकि जनता को बेहतर सेवाएं मिल सकें।

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