



परीक्षा परिणामो ने शासन प्रशासन के सरकारी स्कूलों की खोली पोल
आखिर बच्चों के साथ ऐसा खिलवाड़ क्यों
राजेश बबेले/बीना
पांचवी और आठवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित हो गया है लेकिन परीक्षा परिणाम इतना निराशा जनक रहा कि यह एक चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर शिक्षा के केंद्र में बच्चों के साथ इस तरह का खिलवाड़ कैसे हो गया पीछली वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष कुछ सुधार तो हुआ है लेकिन सागर जिले के बीना ब्लॉक में माने तो कुछ स्कूल ऐसे हैं जिनकी परीक्षा परिणाम निराशाजनक ही रहा शिक्षा विभाग के अधिकारी यदि शुरू से ही इस और ध्यान देते तो शायद आज ऐसा परीक्षा परिणाम देखने को नहीं मिलता क्योंकि शिक्षक भी शिक्षा को अब गंभीरता से नहीं लेते । उल्लेखनीय है कि ब्लॉक में कक्षा पांचवीं और आठवीं का परीक्षा परिणाम दो वर्षों से खराब आ रहा है, जिसमें कई स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी बच्चा पास नहीं हो पाया। मंडीबामोरा क्षेत्र की स्थिति ज्यादा खराब है। कई स्कूल ऐसे हैं, जहां एक और दो बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन वह भी पास नहीं हो सके। आठवीं का परीक्षा परिणाम ज्यादा खराब आया है, जिसमें 3333 ने परीक्षा दी थी और 1721 पास हुए। कक्षा पांचवीं में 2960 में से 2024 पास हुए।
कक्षा पांचवीं में चार स्कूल ऐसे हैं, जिसमें परीक्षा परिणाम शून्य है। मुहांसा स्कूल में दो बच्चों ने परीक्षा दी थी, दोनों फेल हो गए, हरिजन टोला निबोदा स्कूल का परीक्षा परिणाम भी शून्य रहा, यहां एक बच्चा ने परीक्षा दी थी। हायर सेकंडरी मंडीबामोरा में सोलह बच्चों में सभी फेल हो गए, इसी तरह हरदौट का परीक्षा परिणाम भी शून्य रहा। वहीं, कक्षा आठवीं में चार स्कूलों का परीक्षा परिणाम शून्य रहा, जिसमें पीपरखेड़ी स्कूल में 28, अगासौद चक्क में तीन, धंसरा में सात और हरदौट में एक बच्चा ने परीक्षा दी थी, जो फेल गए। हरदौट स्कूल में दोनों कक्षाओं का परीक्षा परिणाम शून्य रहा। इसके अलावा आठवीं में हांसलखेड़ी में पंद्रह में से एक, मंडीबामोरा में 132 में से 25, गौहर 29 में से 5, सनाई 28 में से पांच, शेखपुर 9 में से एक, रहटवास 10 में से 1, गनेश वाडज़् 16 में से 3, राम वाडज़् स्कूल में 17 में से 5 विद्याथीज़् पास हुए हैं। उत्कृष्ट स्कूल में आठवीं में 84 में से 5 बच्चे, माध्यमिक स्कूल क्रमांक तीन में 76 में से 26 बच्चे पास हुए हैं, जबकि यहां पर्याप्त शिक्षक भी मौजूद हैं।
दो स्कूल ऐसे जहां बच्चों ने परीक्षा नहीं दी
कक्षा पांचवीं में मुरयाना और कचनोदा स्कूल में एक-एक बच्चा अध्ययनरत थे, लेकिन वह परीक्षा में शामिल नहीं हुए। इसके अलावा हींगटी 7 में से 1, रामपुर 12 में से 4, सिरोंजीपुर 4 में से 2, बम्होरी दुर्जन 6 में से 1, भोजपुर 4 में से 1, महादेवखेड़ी 6 में से 1, आमखेड़ा 11 में से 1, तजपुरा, उमरिया 2 में से 1, बेधई 3 में से 1, रहटवास 2 में से 1, बरौदिया एरन, रसीलपुर 2 में से 1 बच्चा पास हुआ है। ऐसे और भी कई स्कूल हैं, जिनका परीक्षा परिणाम बहुत कम है।
इनका कहना है
परीक्षा परिणाम की समीक्षा कर रिपोर्ट वरिष्ठ कार्यालय को भेजी जाएगी। साथ ही एक मई तक कक्षाएं लगाने के भी निर्देश जेडी कर्यालय से मिले हैं।
*शासन प्रशासन आखिर गंभीर क्यों नहीं है*
लगातार परीक्षा परिणाम खराब आने के बावजूद भी शासन प्रशासन आकर गंभीर क्यों नहीं होता कि आखिर परीक्षा परिणाम इतना खराब क्यों आ रहा है प्रशासन की उदासीनता के चलते आज बच्चों का भविष्य खतरे में हो गया है।