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कैदियों का जीवन सुधारने जेल अधीक्षक की अभिनव पहल
विजय निरंकारी सागर
सागर सेंट्रल जेल में यूं तो कैदियों को सुधारने के लिए तरह-तरह के धार्मिक आयोजन किए जाते हैं इसी श्रृंखला में 6 अप्रैल से 10 दिन का विपश्यना कार्यक्रम जेल सुपरिंटेंडेंट की नेतृत्व में किया गया है !
योग से भी कठिन इस कार्यक्रम में केंद्रीय जेल सागर के 29 कैदी 10 दिन तक विपश्यना ध्यान का अभ्यास करेंगे । संचालन सहायक आचार्य भाऊ राव ठाकरे एवम धम्मा सेवक हरी सिंह कुशवाहा , राजा प्रजापति एवम वायकर द्वारा किया जा रहा है । शिविर के शुभारंभ पर जेल अधीक्षक मानेद्र सिंह परिहार हमने इस 10 दिवसीय कार्यक्रम पर प्रकाश डाला ! उपजेल अधीक्षक मांगीलाल पटेल सहायक जेल अधीक्षक पंकज कुशवाहा मैं भी अपने विचार व्यक्त किया।
आओ हम बताएं क्या है विपश्यना साधना कार्यक्रम
सहायक आचार्य श्री ठाकरे द्वारा बताया गया की विपश्यना साधना भारत की प्राचीन साधना में से एक है। जिसकी पुनः खोज लगभग 2500 वर्ष पूर्व भगवान गौतम बुद्ध द्वारा की गई थी! आचार्य सत्यनारायण गोयनका द्वारा ये विद्या, वर्मा देश से भारत पुनः लाई गई एवम भारत के लोगो के लिए इसका प्रशिक्षण देना प्रारंभ किया । आज 100 से अधिक देशों में ये साधना विपश्यना केंद्रों के माध्यम से लोगो को सिखाई जा रही है ।
इस साधना में मन को एकाग्र करते हुए, मन को निर्मल एवम विकारों से मुक्त करने करने का अभ्यास इस 10 दिन के शिविर में कराया जाता है! गौरतलब है यह साधना बहुत ही कठिन है! संभवत सागर सेंट्रल जेल में जेल अधीक्षक श्री परिहार का कैदियों की दिशा और दशा सुधारने के लिए यह सार्थक प्रयास है!