खुरई के सौ गांवों को नगरों से जोड़ कर विकास का माडल बनाया – भूपेंद्र सिंह

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ललोई में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया*

*ललोई, (बांदरी)।* खुरई विधानसभा क्षेत्र के 100 गांवों को नगरपालिका और नगर परिषदों से जोड़ कर हमने वहां शहरों जैसा विकास करके विकास का माडल तैयार किया है। शेष 200 गांवों को भी अगले दो सालों में शहरों जैसे विकास के माडल के साथ ही विकसित किया जाएगा। कांग्रेस के 60 सालों के राज में जो नहीं हुआ वह हमने पौने दो साल में करके दिखा दिया। मंत्री व भाजपा प्रत्याशी श्री भूपेंद्र सिंह ने ललोई में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिर्फ विकास के लिए राजनीति के सिद्धांत की व्याख्या की।

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हमें यह बात सालती है कि कमलनाथ और कोरोना ने हमारे सवा तीन साल का ऐसा समय गंवा दिया जिसमें हमें खुरई विधानसभा क्षेत्र के विकास की यात्रा में रुकावट आई। हमने कम समय में दिन रात मेहनत की और आपको विकास की दौड़ में अग्रणी खुरई विधानसभा क्षेत्र बना कर दिया है। लेकिन कुछ कांग्रेसी अब भी ऐसे हैं जिनके पास प्रत्यक्ष विकास को देखने की सकारात्मक आंखें नहीं हैं। श्री सिंह ने कहा कि क्षेत्र के जो अच्छे कांग्रेसी हैं वे भी क्षेत्र के विकास की प्रशंसा करते हैं और भाजपा में आ चुके हैं। यहां अब वे ही चंद कांग्रेसी बचे हैं जिनके गलत कामों में सहयोग देने हम और हमारी पार्टी सहमत नहीं है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सिर्फ एक मात्र कारण विकास है जिसके कारण खुरई विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को प्रत्याशी तलाशने में पसीना आ गया, और एक तरह से हम कह सकते हैं कि क्षेत्र में ढूंढ़ने से भी कांग्रेसी नहीं मिलता।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि राजनीति, लोकतंत्र और चुनाव सबका इकलौता उद्देश्य विकास ही तो है। हम जिसे चुनते हैं पांच साल बाद उसके कामों का हिसाब विकास के पैमाने पर तौला जाता है। राज करने के लिए चुनाव नहीं होते हैं,सेवा और विकास के लिए लोकतंत्र का यह यज्ञ होता है जिसमें हम सब भर भर कर अपनी आहुति डालते हैं। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि आज यहां के 100 माडल गांवों का विकास देखिए। हर गांव में पक्की सीमेंट सड़कें, स्ट्रीट लाइट, दिन में दो बार सफाई,पीएम आवास योजना में ढाई लाख से बना हर गरीब का पक्का मकान, पार्क, बच्चों को खेलने स्टेडियम, आलीशान शादी घर, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के वातावरण से जगमगाती स्कूलें,भरपूर पानी यह सब इन गांवों में मिलेगा।

मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस एक सिंचाई योजना नहीं दे सकी हमने चार दीं हैं। 3600 करोड़ की बीना सिंचाई परियोजना,2600 करोड़ की उल्दन बांध परियोजना, 450 करोड़ से मालथौन ब्लाक की नल जल योजना, 500 करोड़ की खुरई की नल जल योजना यह विकास के माइलस्टोन हैं। आधुनिक टेक्नोलॉजी की प्रेशराइज्ड पाइपों से खेतों में कनेक्शन देकर सिंचाई और आधुनिक फिल्टर प्लांटों के शुद्ध पेयजल का हर घर में कनेक्शन खुरई के लिए कल्पनाओं की बातें नहीं हैं। मौके पर जाकर कोई भी इन कामों की प्रगति देख सकता है और मेरा दावा है कि मार्च तक विधानसभा क्षेत्र के गांवों, पंचायतों, नगर निकायों के हर घर में नल के कनेक्शन से पानी पहुंच जाएगा और अगले साल इस सीजन की फसल की सिंचाई बीना और उल्दन के बांधों से हो रही होगी। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि यह सिर्फ सोचने से नहीं हो जाता। एक सेवक की भांति दिन रात के परिश्रम और विकास के लिए समर्पित राजनीति से संभव हो पाता है।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि इतना सब करने से किसी नेता को चुनाव में वोट मांगने की आवश्यकता नहीं होती। क्षेत्र की जनता ऐसा प्रेम,स्नेह लुटाती है कि लगता है जैसे हर नागरिक हर परिवार खुद अपने भूपेंद्र भैया के लिए चुनाव लड़ रहा हो‌। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि गरीब कल्याण का महा अभियान, महिलाओं का सशक्तिकरण और विकास ने मिलकर खुरई विधानसभा क्षेत्र में चुनाव को उत्सव में बदल दिया है। लोग यहां शांति, सुख, समृद्धि की दीवाली की तरह इस बार के चुनाव को ले रहे हैं। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि मेरा यह आठवां चुनाव है और मैं पहली बार ऐसा चुनाव देख रहा हूं कि मुझे लोग वोट मांगने नहीं दे रहे बल्कि खुद ही भाजपा के प्रत्याशी की तरह मैदान में उतरे हैं। उन्होंने कहा कि जनता का मुझ पर ऐसा आशीर्वाद और विश्वास देख कर ऐसी प्रतिबद्धता मन में उठती है कि जीवन में इन सभी में से किसी एक का भी विश्वास मैं टूटने नहीं दे सकता। यह जन आशीर्वाद मुझे क्षेत्र के विकास के लिए संकल्पित करता है और प्रेरणा देता है।

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि जब मैं यहां से पहली बार चुना गया था तब क्षेत्र का पिछड़ापन देख कर समझ नहीं आता था कि कहां से काम शुरू किया जाए क्योंकि कांग्रेस ने गंदगी, बदहाली, गरीबी और अशिक्षा के सिवा कुछ नहीं दिया था। आप सोचिए कि मालथौन और बांदरी जैसे नगर ग्राम पंचायतों के स्तर पर थे। आजादी के 70 सालों में यहां कालेज खोलने की जरूरत कांग्रेस ने नहीं समझी। आज हमारी बनाई इन दोनों नगर परिषदों में हमारे द्वारा खोले गए शासकीय महाविद्यालयों में 2-2 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। मैं सोच कर रह जाता हूं कि इन चार हजार युवाओं को और यहां की युवा पीढ़ी को अच्छी शिक्षा के लिए किस तरह के अभावों और परेशानियों से गुजरना पड़ रहा था। कोई इनके भविष्य के बारे में कोशिश तो दूर बात भी नहीं करता था।

 

Leave a Comment