पिता ने लिया था नेत्रदान का संकल्प, बेटियों तथा बेटों ने किया पूरा

सागर

नेत्रदान का संकल्प, बेटियों तथा बेटों ने किया पूरा। मरने के बाद भी कुछ लोग समाज तथा मानवता के लिए कार्य से अमर हो जाते हैं। नेत्रदान ही ऐसा ही पुनीत कर्म है जो किसी नेत्रहीन के जीवन में अंधेरा हटाकर उजाले का नया सूरज लेकर आता है।

विजय टॉकीज

 

विजय टॉकीज, मोती नगर वार्ड सागर अगरबत्ती वाले केशरवानीपरिवार ने कुछ ऐसी ही मिसाल कायम की है। वी.एम.सी. के मीडिया प्रभारी डॉ. उमेश पटेल ने बताया कि 74 वर्षीय भरत लाल केसरवानी का निधन 14.02.2024 को मध्य रात्रि बी.एम.सी. के मेडिसन आईसीयू में हो गया था, उन्होंने मृत्यु के पूर्व अपनी आंखे दान करने की इच्छा व्यक्त की थी। उनके निधन के तत्काल बाद ही परिजनों ने आई बैंक इंचार्ज डॉ. सारिका चौहान, कॉर्निया विशेषज्ञ नेत्र रोग विभाग बी.एम.सी. एवं एचओडी डॉ. प्रवीण खरे को सूचना दी। इस पर तत्काल सारे इंतजाम करते हुए डॉ. सारिका चौहान अपनी टीम को मेडिसन आईसीयू बी.एम.सी में भेजकर नेत्रदान प्रक्रिया पूरी कराई। टीम में डॉ. अंजली विरानी पटेल, डॉ. नितिन, डॉ. ईशा, डॉ. आदेश, डॉ. आयुषी महाजन, डॉ. आयूषी मोदी तथा नर्सिंग ऑफिसर ओमप्रकाश कुमावत, नर्सिंग ऑफिसर रीता डोंगरे ऑन ड्यूटी स्टाफ, महेन्द्र वार्ड बाय शामिल थे टीम ने परिजनों की सहमति के बाद पूरी चिकित्सकीय एहतियात के साथ दिवंगत भरत लाल केसरवानी की आँखों के कोर्निया को सुरक्षित रूप से निकाल लिया, डॉ. प्रवीण खरे एचओडी एवं डॉ. सारिका चौहान, डॉ. अंजली विरानी, डॉ. रोशी जैन तथा डॉ. वंदना गुप्ता के दिवंगत भरतलाल केशरवानी के सुपुत्र पंकज केसरवानी सुपुत्री शिवानी, सुचिता, श्वेता, शुभा एवं दिवंगत भरतलाल जी की धर्मपत्नी आशा केसरवानी का आभार जताया तथा इस पहल को सराहनीय बताया, डॉ. सारिका चौहान कॉर्निया विशेषज्ञ नेत्र रोग विभाग द्वारा बताया कि जल्द ही नेत्र प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू हो जाएगी। ये नेत्रदान बी.एम.सी. आई बैंक का छटवों नेत्रदान है। जो सफलता पूर्वक किया गया।

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