



गृह राज्य मंत्री के आदेशों को भी दिखाया ठेंगा
पत्रकारों में भारी आक्रोश
दौसा । प्रदेश में सरकार भी चेंज हो गई है और उसकी मंशा के अनुरूप आदेश में निकाले जा रहे हैं लेकिन दौसा में पुलिस का गुंडाराज बढ़ता ही जा रहा है जिसके चलते जहां भी उसकी खामी नजर आती है उसको ढकने के प्रयास में वह चोरी और सीनाजोरी तक उतरने से भी गुरेज नहीं करती है । पिछले दिन सदर थाना इलाके के जोशी की कोठी के पास 15 मार्च को शाम 6 बजें के करीब एक अपहरण की घटना का कवरेज करने गए पत्रकार कमलेश शर्मा के साथ कोतवाली पुलिस के कांस्टेबल ब्रजराज सिंह , राजेश गुर्जर, हेतराम एएसआई और चालक हरिसिंह गुर्जर ने फोटो खींचने के दौरान धक्का मुक्की करने के बाद जबरन मोबाइल छीन कर फोटो डिलीट करने के उपरांत कोतवाली ले गई । पत्रकार शर्मा ने पुलिस अधीक्षक दौसा को उक्त घटना की सूचना देनें के बाद उन्होंनें मोबाइल तो दिलवा दिया लेकिन उसमें रखा हुआ फोटो परिचय पत्र व 2000 रुपये नहीं लौटाए। इस संबंध में प्रेस क्लब दौसा ने पत्रकार के साथ पुलिस कर्मियों द्वारा किए गए कृत्य की भृतस्ना करतें हुएं पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर उक्त कृत्य में शामिल चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्यवाहीं करने की मांग की हैं। ज्ञात रहें 15 मार्च को ट्रैक्टर चालक श्यानू उर्फ दीपक मीना के अपहरण को लेकर कोतवाली पुलिस लालसोट रोड स्थित जोशी की कोठी के पास खड़ी थीं। इसी बीच ट्रैक्टर चालक को उसके परिजन कोतवाली पुलिस के पास लेकर पहुंचें तो पत्रकार शर्मा ने फोटो क्लिक कर ली। इस बात से नाराज पुलिस कर्मियों ने उसके साथ दुर्व्यवहार करतें हुएं फोटो डिलीट करवा कर मोबाइल जबरन छीन कर ले गए। पुलिस कर्मियों के इस दुर्व्यवहार की सूचना पुलिस अधीक्षक को दी तो रात्रि 9:30 बजें करीब मोबाइल तो लौटा दिया लेकिन परिचय पत्र और ₹2000 जो मोबाइल में रखें थें’ इसको आज तक नहीं लौटाया। इसको लेकर पत्रकारों में भारी आक्रोश हैं। इस संबंध में प्रेस क्लब दौसा ने इस कृत्य में शामिल पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाहीं करने व दुर्व्यवहार करने के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की हैं। ताकि गृहमंत्री द्वारा डीजीपी को पत्रकार सुरक्षा व पत्रकारों के सम्मान के लिए जारी किए गए निर्देशों की पालना हो सकें। लोगों का कहना है कि दौसा पुलिस काफी मामलों में उच्च अधिकारियों को भी अंधेरे में रख और पब्लिक में अपनी वाह वाही लूटने के फेर में अलग ही कहानी रच प्रेस नोट जारी करती है। हो सकता है इस मामले में भी पुलिस की मनसा कुछ इसी तरह की हो जिसके चलते असलियत की फोटो खींचने से नाराज पुलिसकर्मियों ने ऐसा दुर्व्यवहार किया है जिसकी उन्हें सजा जरुर मिलनी चाहिए ।