



हरदा में हुए विस्फोट कांड को लेकर अनेक सवाल खड़े होते हैं फिर भी शासन प्रशासन मौन क्यों
राजेश बबेले/ बीना
बीना शहर में शहर के बीचो-बीच संचालित गैस एजेंसियां मौत को आमंत्रण दे रही है फिर भी शासन प्रशासन मौन क्यों है उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में हो रही दुर्घटनाओं से सबक नहीं ले रहा है प्रशासन, जिस तरह से हरदा में हुए विस्फोट कांड को लेकर अनेक सवाल खड़े होते हैं, फिर भी शासन प्रशासन मौन क्यों रहता है ? क्या राजनीतिक दबाव के चलते ऐसे लोगों पर कार्यवाही नहीं की जाती है, जो खुले रूप से जिंदगियां के साथ खिलवाड़ करते हुए नजर आते हैं ।ऐसे लोगों पर राजनीतिक संरक्षण होने के कारण प्रशासन नहीं बोलता,
जबकि सभी को मालूम है बीना में दीपावली के दिन फटाके से बजरिया पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी थी, दूसरी घटना कुछ वर्ष पूर्व थाने के पीछे घटी थी , फिर भी लोग फटाके दुकानों में रखकर बेचे जा रहे हैं ।
जबकि शासन प्रशासन की आंख तव खुली जब हरदा कांड हुआ और उन्होंने तबा तोड़ कार्रवाई करना शुरू कर दिया।
अगर शासन प्रशासन समय रहते ऐसे लोगों पर कार्यवाही करें जो मौत को खुला आमंत्रण देते है तो अनेक दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
बीना शहर के बीचो-बीच में गैस एजेंसी होने से आए दिन खतरा बना रहता है, सर्वोदय चौराहा स्थित गैस एजेंसी जिनकी गैस टंकियां साहू समाज मंदिर के बाजू से बांटी जाती है जबकि सर्वोदय चौराहा सर्वाधिक भीड़भाड़ वाला इलाका होता है। तो दूसरी ओर मां जागेश्वरी रोड पर स्थित भारत गैस एजेंसी जो की नाभिनंदन दिगंबर जैन स्कूल की दुकानों मे भारत गैस एजेंसी चल रही है जहां पर हजारों बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं ।
प्रशासन को इस बात की भी चिंता नहीं है ऐसी एजेंसीओ अलग थलग स्थानों से संचालित कराए जाने के निर्देश जारी करें।
*होम डिलीवरी की जानी चाहिए*
गैस एजेंसी मालकों द्वारा भी होम डिलीवरी करने मैं ज्यादा दिलचस्पी न लेने के कारण ग्राहकों को टंकी लेने के लिए भीड़ लगी रहती है ।
हद तो तब हो जाती है जब नाभिनंदन दिगंबर जैन स्कूल के मैदान में पंचकल्याणक जैन महोत्सव जैसी कार्यक्रम आए दिन होते रहते हैं जहां पर हजारों की तादात में लोग एकत्रित होते हैं। ऐसी जगह पर सतर्कता की जगह खुले आम टंकी सप्लाई की जाती है, शासन प्रशासन कुंभकरणी नींद सोता रहता है।
मिली जानकारी अनुसार अवैध गैस रिफलिंग का कारोबार भी काफी जोरों से चल रहा है इस पर प्रशासन को कड़ी निगरानी रखनी होगी और ऐसे लोगों पर कार्यवाही करनी होगी ।
*सामाजिक संगठन एवं नेतागण दिखावा करने से बाज नहीं आते*
अक्सर देखा गया है कि जब घटना दुर्घटना हो जाती है तो अनेक समाजसेवी संगठन, एवं नेतागण 2 मिनट का मौन धारण रखेंगे, मोमबत्ती जलाएंगे, श्रद्धांजलि देंगे, किंतु कभी भी ऐसी आवाज नहीं उठाएंगे जिससे समाज का हित हो।
जबकि सभी को मालूम रहता है कि समाज का अहित कहां हो रहा है और किससे हो रहा है, अगर समय रहते शासन और प्रशासन को अवगत कराते तो शायद श्रद्धांजलि और मोमबत्ती जलानी ना पड़े ।
शासन प्रशासन को चाहिए समय रहते सतर्कता से काम लेते हुए ऐसे लोगों पर कार्यवाही करें अन्यथा किसी दिन बड़ी घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता ।